मेरा आँगन

मेरा आँगन

Monday, July 15, 2013


सुदर्शन रत्नाकर
1
तुम्हारी हँसी
सितार बजा गई
सूने घर में ।
2
धूप
-सी हँसी
आँगन में उतरी
सहला गई।

-0-